भारतीय संगीत से जुड़े रोचक तथ्य intresting and incredible facts के बारे में जानना चाहते हैं तो आप बिल्कूल ठीक पेज पर आए है। युद्ध हो या उत्सव और प्रार्थना या फिर भजन सभी में भारत में बहुत ही लंबे समय से संगीत का उपयोग होता आ रहा है, संगीत के बीना हमारे प्रसंग अधूरे से लगते हैं, वेदिक काल से ही भारत में संगीत की समृद्ध परम्परा रही है। गिने-चुने देशों में ही संगीत की इतनी पुरानी एवं इतनी समृद्ध परम्परा पायी जाती है। संगीत हम सभी को लूभाता है. शायद ही कोई एसा व्यकित हो जीसे music na pasand ho. संगीत के महत्व से शायद आप परीचित ही होंगे लेकिन क्या आप भारतीय संगीत से जुडे ईन तत्थों रोचक तत्थों के बारे में जानते हैं , जो हम यहां आप के साथ शेयर करनें जा रहा हूं, तो चलीए जानते हैं music के बारे में रोचक बातें.
भारतीय संगीत से जुड़े रोचक तथ्य intresting and incredible facts about indian music- ckb |
भारतीय संगीत का दूर्लभ चित्र - जरूर देखें.
1. स्वर और लय की कला को संगीत कहते हैं।
2. भारतीय शास्त्रीय संगीत की दो प्रमुख पद्धतियां हैं -
हिन्दुस्तानी संगीत - जो उत्तर भारत में प्रचलित हुआ।
कर्नाटक संगीत - जो दक्षिण भारत में प्रचलित हुआ।
3. भारत के सबसे प्राचीन ग्रन्थ ‘ऋग्वेद’ में आर्यो के आमोद-प्रमोद का मुख्य साधन संगीत को बताया गया है।
4. ‘सामवेद’ में उच्चारण की दृष्टि से तीन और संगीत की दृष्टि से सात प्राकार के स्वरों का उल्लेख है
5. ग्यारहवीं शताब्दी में मुसलमान अपने साथ फारस का संगीत लाए। उनकी और हमारी संगीत पद्धतियों के मेल से भारतीय संगीत में काफी बदलाव आया
6. बादशाह अकबर के दरबार में 36 संगीतज्ञ थे
उसी दौर केतानसेन, बैजूबावरा, रामदास व तानरंग खाँ के नाम आज भी चर्चित हैं।
7. जहाँगीर के दरबार में खुर्रमदाद, मक्खू, छत्तर खाँ व विलास खाँ नामक संगीतज्ञ थे।
8. ग्वालियर के राजा मानसिंह भी संगीत प्रेमी थे। उनके समय में ही संगीत की खास शैली ‘ध्रुपद’ का विकास हुआ।
9. वेदों के काल के विषय में विद्वानों में बहुत मतभेद है, किंतु उसका काल ईसा से लगभग 2000 वर्ष पूर्व था - इसपर सभी विद्वान् सहमत है। इसलिए भारतीय संगीत का इतिहास कम से कम 4000 वर्ष प्राचीन है।
10. भारतीय संगीत का जन्म वेदों के उच्चारण मे देखा जा सकता है।
''संगीत'' का सबसे प्राचीनतम ग्रन्थ " भरत मुनि " का "नाट्य शास्त्र " है। अन्य ग्रन्थ हैं.
11. भारतीय संगीत का प्रारंभ वैदिक काल से भी पूर्व का है। इस संगीत का मूल स्रोत वेदों को माना जाता है।
12. हिंदु परंपरा मे ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मा ने नारद मुनि को संगीत वरदान में दिया था।
13 भारतवर्ष की सारी सभ्यताओं में संगीत का बड़ा महत्व रहा है
संगीत भारतीय संस्कृति की आत्मा मानी जाती है।
14. वैदिक काल में अध्यात्मिक संगीत को मार्गी तथा लोक संगीत को 'देशी' कहा जाता था।
15.भारतीय संगीत की दो प्रकार प्रचलित है; प्रथम कर्नाटक संगीत, जो दक्षिण भारतीय उत्तरभारत संगीत जो उत्तरी राज्यों में प्रचलित है ,हिन्दुस्तानी संगीत ज्यादातर भारत में लोकप्रिय ।
16. वैदिक काल में सामवेद के मंत्रों का उच्चारण उस समय के वैदिक सप्तक या सामगान के अनुसार सातों स्वरों के प्रयोग के साथ किया जाता था।
17.भारतीय संगीत में सात शुद्ध स्वर है।
षड्ज (सा)
ऋषभ (रे)
गंधार (ग)
मध्यम (म)
पंचम (प)
धैवत (ध)
निषाद (नी)
18. भारतीय संगीत को सामान्यत: ३ भागों में बाँटा जा सकता है:
शास्त्रीय संगीत - इसको 'मार्ग' भी कहते हैं।उपशास्त्रीय संगीत और सुगम संगीत ।
19. उत्तर वैदिक काल के ‘ रामायण ’ ग्रन्थ में " दुंदभि, वीणा, भेरी , मृदंग और घड़ा जैसे वाद्य यंत्रों के गान का वर्णन मिलता है,
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