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    Writers name who write humorous stories 2020 : हम आपको कुछ ऐसे ख्यातनाम हास्य लेखकों की सूची उपलब्ध करवा रहे हैं। जिन के लेखों ने हमारे समाज पर..


    आज हम आपको कुछ नए और पुराने हास्य लेखकों के बारे में कुछ रोचक और महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध करवा रहे हैं। जिन्हें पढ़कर आपके ज्ञान और जानकारी में बढ़ोतरी होगी। हास्य लेखक वह होते हैं । जीन के लेख पढ़कर हमारा मन और दिमाग हास्य से प्रफुल्लित हो उठता है। हास्य लेखक छोटी से छोटी बात को तोड़ मरोड़ कर हमारे चेहरे पर मुस्कान ला देते हैं। पर इसका मतलब यह नहीं है कि वह अपनी पर्सनल लाइफ में भी उतने ही हास्यास्पद हो।

    Indian Writers name who write humorous stories
    हिंदी हास्य लेखकों के बारे में top 10 रोचक बातें 2020


    संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के एक हास्य लेखक हैं जिनका नाम जीन शेफर्ड है। जो काफी ख्यातनाम और प्सिद्ध हैं। जिन्होंने ए क्रिसमस नाम का उपन्यास लिखा और सुनाया है। जो लघु कथाओं पर आधारित है। हम यहां आपको कुछ सर्वश्रेष्ठ हास्य लेखकों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्हें पढ़कर आपके ज्ञान में बढ़ोतरी होगी। उम्मीद है कि आपको मेरी यह पोस्ट पसंद आएगी। और आपको पढ़ने में रुचिकर लगेगा। आप हमें कमेंट के माध्यम से कमेंट करके जरूर बताइए कि यह जानकारी आपको कैसी लगी और हमारे मनोबल में भी बढ़ोतरी होगी।

    हम आपको कुछ ऐसे ख्यातनाम हास्य लेखकों की सूची उपलब्ध करवा रहे हैं। जिन के लेखों ने हमारे समाज पर अपना काफी प्रभाव डाला है। यह सूची कुछ इस तरह है।


    1. विनोद भट्ट


    विनोद भट्ट  गुजराती हास्य लेखक, पत्रकार और पर्यावरणविद थे । विनोद भट्ट का जन्म 14 जनवरी 1938 में गांधीनगर के तालुका दहेगाम के नादोल गांव में हुआ था। उन्हें बचपन से ही लिखने का शौक था। उन्होंने अलग-अलग विषयों पर 45 किताबें लिखी। जिनमें कहानी हास्य और बायोग्राफी भी शामिल है। वे गुजराती साहित्य परिषद के प्रमुख भी थे।उन्होंने काफी प्रसिद्धि हासिल की। उन्हें "रंजीत राम स्वर्णा चंद्रक" से नवाजा गया, उन्हें कुमार चंद्रक भी मिला। ऐसे कई पुरस्कारों से विनोद भट्टजी को नवाजा गया। उनका काम ही लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाना था। विनोद भट्ट शब्दों के शहंशाह थे। लेकिन दुख की बात है यह है की 23 मई 2018 को उनका किडनी फेल जाने की वजह से निधन हो गया।


    विनोद भट्ट के कुछ प्रसिद्ध लेख।

    पहेलू सूख ते मुंगी ना 

    सुनो भाई साधु

    विनोद भट्ट ना प्रेम पत्रो

    नारो वा कुंजारो वा



    2. शैलेश लोधा उर्फ "तारक मेहता"


    शैलेश लोढ़ा भारतीय अभिनेता, कवि और हास्यकार लेखक है, और वे जाने-माने मंच संचालक भी हैं। शैलेश लोढ़ा का जन्म 15 जुलाई 1969 मैं जिला जोधपुर राजस्थान मैं हुआ था। उनके पिता का नाम श्याम सिंह लोधा है।जो अभी मुंबई महाराष्ट्र में रहते हैं। शैलेश लोधा को काफी प्रसिद्ध टीवी सीरियल "तारक मेहता का उल्टा चश्मा" नामक सीरियल से काफी प्रसिद्धि प्राप्त हुई। मुंबई में रहकर उन्होंने एक्टर के तौर पर अपनी पहचान बनाई। उन्होंने कई सारे कवि सम्मेलनों में शामिल हुए। शैलेश लोधा को काफी पुरस्कारों से नवाजा गया है और उन्होंने अपना वह मुकाम और सपना हासिल किया जो वह बचपन से चाहते थे।


    शैलेश लोधा के द्वारा लिखे गए कुछ लेख और टीवी सीरियल का नाम


    तारक मेहता का उल्टा चश्मा

    वाह वाह क्या बात है

    अजब गजब घर जमाई

    कॉमेडी दंगल


    3. आर. के. नारायण


    आर के नारायण का पूरा नाम रासीपुरम कृष्णस्वामी अय्यर नारायण स्वामी था। आर के नारायण का जन्म १० अक्टूबर १९०६ को मद्रास ,ब्रिटिश भारत में हुआ था। आर के नारायण के पिता तमिल भाषा के अध्यापक थे, उन्होंने अपना अधिकांश जीवनकाल मैसूर के एक शांत शहर में बिताया था। आर के नारायण ने भी अध्यापक पद और पत्रकारिता की थी। बाकी बचा जीवन उन्होंने लेखन कार्य करते हुए बिताया। आर के नारायण मैसूर के यादवगीरी मैं तकरीबन 20 साल तक रहे, साल १९९० मैं स्वास्थ्य समस्या के चलते चेन्नई स्विफ्ट हो गए। उन्होंने काल्पनिक शहर मालगुडी पर काफी रचनाएं लिखें। मालगुडी दक्षिण भारत का एक काल्पनिक कस्बा माना जाता है। स्वतंत्रता से पहले आर के नारायण का अंतिम उपन्यास "दी इंग्लिश टीचर" साल १९४६ मैं प्रकाशित हुआ। "दी इंग्लिश टीचर" 

    संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में "ग्रेटफुल टु लाइफ एंड डेथ" नाम के शीर्षक से प्रकाशित हुई। साल 1952 से 1962 तक आर के नारायण की रचनात्मकता का स्वर्ण युग था। आर को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। 


    आर के नारायण के द्वारा लिखित कुछ प्रसिद्ध उपन्यास


    "गाइड" मालगुडी का आदमखोर

    स्वामी और उसके दोस्त

    द डार्क रूम

    द इंग्लिश टीचर

    द फाइनेंसियल एक्सपर्ट



    4. मुंशी प्रेमचंद्र


    मुंशी प्रेमचंद्र का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी मैं 31 जुलाई 1880 में हुआ था । मुंशी प्रेमचंद्र अध्यापक लेखक और पत्रकार थे। मुंशी प्रेमचंद्र पूरे विश्व में काफी ख्याति नाम व्यक्तित्व रखने वाले व्यक्ति थे जो हमारे भारत में काफी प्रसिद्धि प्राप्त किए हैं। वे सामाजिक चिंतन करने वाले व्यक्ति थे उन्हें बाल विवाह, अनमेल विवाह, दहेज, स्त्री पुरुष समानता जैसे विषयों पर अपने व्यंजनों और लेखों में उल्लेख किया है। उनकी माता का नाम आनंदी बहन और पिता श्री का नाम मुंशी अजायब राय था जो डाकिए का काम किया करते थे। प्रेमचंद की शिक्षा फारसी मैं हुई थी। वह हिंदी और उर्दू के जाने-माने उपन्यासकार थे।१९१८ से १९३६ समय काल को प्रेमचंद युग कहा जाता था।


    मुंशी प्रेमचंद्र के द्वारा लिखे गए कुछ रचनाएं:


     रंगभूमि

     सेवा सदन

    "हमखुर्मा" हिंदी में रूपांतरण "प्रेमा"

    "आवाजे खल्फ" हिंदी में रूपांतरण "देवस्थान"

     निर्मला

     प्रेमआश्रम


    5. शिब्रम चक्रवर्ती


    शिवराम चक्रवर्ती बंगाली भाषा के हास्यलेखक और क्रांतिकारी थे। शिवराम चक्रवर्ती का जन्म 13 दिसंबर 1903 में कोलकाता में हुआ था। वह अपने शब्दों और लघु हास्य कथाओं के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने अपने जीवन काल में कविताएं, हास्य कथाएं, काल्पनिक और गैर काल्पनीक उपन्यास लिखे हैं।

    शिवराम चक्रवर्ती के द्वारा लिखित उपन्यास:


    बाड़ी ठेके पालिए
    मॉस्को बनाम पांडिचेरी
    16 बरस की
    कर्ज बकाया है


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